हे कान्हा ....
..........
इश्क में तुम्हारे हम एस कदर बेखबर हो जाते है ,
जैसे जिस्म से जान को जुदा कर आते है ,
होश वालो को होश होता है हमारा
,हमे खबर नहीं होती इस दीन दुनिया की ,
जो तुम सहारा बन जाओ तो ये हालत ना हो हमारी
,
की दुनिया को हमे सहारा देना होता है .........
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