Saturday, October 13, 2012

हे कान्हा ....

..........
इश्क में तुम्हारे हम एस कदर बेखबर हो जाते है ,

जैसे जिस्म से जान को जुदा कर आते है ,



होश वालो को होश होता है हमारा 


,हमे खबर नहीं होती इस दीन दुनिया की ,


जो तुम सहारा बन जाओ तो ये हालत ना हो हमारी 


,
की दुनिया को हमे सहारा देना होता है .........

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